Search This Blog

Saturday, 28 August 2010

हॉकी से लेकर काउंटी तक फिक्सिंग

जानबूझकर हारना और पाकिस्तान का खेल जैसे एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं। भारत में हुए हॉकी विश्वकप में इंडिया के विरुद्ध मैच में पाकिस्तान 4-1 से हार गया था। चिरप्रतिद्वंदी के खिलाफ मिली शिकस्त को मैच फिक्सिंग से जोड़कर देखा गया था।

इसके बाद इंग्लिश काउंटी में खेल रहे पाकिस्तानी स्पिनर दानिश कनेरिया पर भी मैच फिक्सिंग के आरोप लगे थे। हालाकि यह आरोप साबित नहीं हो पाए।


पाकिस्तान के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर शर्मनाक प्रदर्शन के बाद विकेटकीपर बल्लेबाज कामरान अकमल पर जानबूझकर खराब खेलने के लिए पीसीबी द्वारा एक्शन लिया गया था। सूत्रों के मुताबिक कामरान पर मैच फिक्सिंग का शक था जिसे ढकने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने छोटी-मोटी कार्रवाई कर दी थी।


खेल के साथ किए गए इस खिलवाड़ से साबित होता है कि पैसा इंसान के ईमान को बहका सकता है। क्रिकेट के साथ ग्लेमर और दौलत दोनों साथ आते है। ऐसे में खिलाड़ियों का बहकना स्वाभाविक है। जब तक क्रिकेट के साथ पैसा जुड़ा है मैच फक्सिंग जैसे गुनाह होते रहेंगे।

पाक के साथ भारतीय खिलाड़ी भी थे लिप्त

आईसीसी ने मलिक, रहमान, अजहरुद्दीन और शर्मा पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही क्रॉन्ये को भी यही सजा सुनाई गई। जडेजा को पांच साल के लिए निलंबित कर दिया गया।

बड़े गुनाह के पीछे कभी एक-दो हाथ नहीं होते। तीन-चार खिलाड़ियों के नाम उजागर होते ही पूरी सूची सामने आगई। भारत के मनोज प्रभाकर को भी तत्कालीन कप्तान कपिल देव पर झूठा इलजाम लगाने के लिए पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया।


पाकिस्तान के तेज गेंदबाज़ों की जोड़ी वसीम अकरम और वकार यूनिस पर मैच फिक्सिंग के आरोप लगे थे। हालाकि ये आरोप साबित नहीं हो पाए।

क्रॉन्ये से हुई शुरुआत

क्रिकेट जगत पर मैच फिक्सिंग का साया पड़ता रहा है। इसकी चपेट में दुनियाभर के खिलाड़ी आते रहे हैं। पर इन सब में पाकिस्तान का नाम शीर्ष पर रहा है। साल 2000 में दिल्ली पुलिस ने जो एक तार पकड़ा तो पूरा काला चिट्ठा सामने आगया।2000 के मैच फिक्सिंग प्रकरण में सबसे पहला नाम था दक्षिण अफ्रीका के हेन्सी क्रॉन्ये का। पुलिस की पूछताछ के बाद तीन और खिलाड़ियों के नाम सामने आए। ये नाम थे पाकिस्तान के सलीम मलिक, भारत के मोहम्मद अजहरुद्दीन और अजय जडेजा के।

आमेर ने नहीं की मैच फिक्सिंग

एक न्यूज चैनल द्वारा दिखाए टीवी फुटेज से उठा मैच फिक्सिंग का बवंडर अब ठंडा होता दिखाई दे रहा है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने पाकिस्तानी खिलाड़ी मोहम्मद आमेर को क्लीन चिट देते हुए कहा है कि आमेर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है।

गौरतलब है कि 15 जून से शुरु हुए एशिया कप के पहले मुकाबले में पाकिस्तान की बल्लेबाजी के दौरान मैदान पर जाने से चंद मिनट पहले मोहम्मद आमेर को मोबाइल फोन पर बात करते हुए एक न्यूज चैनल ने दिखाया था। पाकिस्तान यह मैच 16 रन से हार गया था। चूंकि ड्रेसिंग रूम में फोन का उपयोग वर्जित होता है इस कारण इस घटना को मैच फिक्सिंग से जोड़कर देखा जा रहा था।

पाकिस्तान के टीम मैनेजर यावर सईद ने मीडिया में खबर के आते ही उसका खंडन किया था। आईसीसी ने भी जांच के लिए टीवी फुटेज मांगा था।

इस मसले पर आईसीसी का कहना है कि उनके भ्रष्टाचार विरोधी और सुरक्षा अधिकारी ने वीडियो फुटेज देखा है और उन्हें आमेर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। टीवी क्लिपिंग में आमेर को फोन का उयोग करते हुए नहीं पाया गया है।

पाक-इंग्लैंड मैच की फिक्सिंग

पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने एक बार फिर खेल को शर्मसार कर दिया। न्यूज ऑफ द वर्ल्ड नामक ब्रिटिश अखबार द्वारा जारी की गई तस्वीरों में नवनियुक्त कप्तान सलमान बट्ट तक सट्टा लगाने वाले बुकी के साथ देखे गए।  इस मैच फिक्सिंग के सबसे बड़े स्कैंडल को तस्वीरों में कैद किया न्यूज ऑफ द वर्ल्ड नामक ब्रिटिश अखबार ने।